सुख-दुःख
चक्कर है,
लगा रहता है !
कोई चादर तान कर सो जाता है,
कोई बेचारा
सारी रात जगा रहता है !
जो चैन से सोता है
उसे भी कभी जगना है,
रोना है;
और जो जगता है
आँखों में लिए
माँ की गोद के सपने –
नींद आएगी ज़रूर ,
उसको भी कभी सोना है !
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